ज़कात का हक़दार-Undertrial
ज़कात का हक़दार-Undertrial
दोस्तो, रमज़ान का महिना चल रहा है। शुक्र है, सब मुसलमान इबादत मे लगे है। जैसे के हम सब जानते है के, हर हैसियतमंद मुसलमान पर ज़कात देना फर्ज है। और ज़कात किसे देना है, ये भी साफतौर पर बताया गया है। क़ुरआन मजीद में कई आयतों में ज़कात का जिक्र किया गया है। कुल आठ किस्म के लोंग इसके हक़दार है। उसमे से एक बेगुनाह क़ैदि के आज़ादी के लिए भी ज़कात इस्तेमाल कि जा सकती है।
आज के हालात किसी से छिपे नही है। Under-Trial के नाम पर हज़ारों मुस्लिम नौजवान जेल मे बिना ज़मानत सड़ रहें है। आवो दोस्तो हमारी ज़कात इन क़ैदियों को छुड़ाने के लिए इस्तेमाल करतें है।
किसी का घर फिर से आबाद करना, किसी को मुआशरे के मरकज़ी धारे मे फिर से शामिल कर लेना, बेशक बेहतरीन और बहोत बड़ी नेकी है।