मज़बूरी या खुदगर्जी
मज़बूरी या खुदगर्जी
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का हक़ीक़ी किस्सा
इनके Expectation के हिसाब से जब रिश्ते आ रहें है, तो इन्कार क्योँ। बात समझ के बाहर थी। लड़की 33 हो चुकी है। वालिद से दो तीन बार फोन करके बात करने की कोशिश की, उनका एक हि जवाब रहता "भाई अभी थोड़ा रूको। मुलाक़ात करके बात करतें है।"
दो महीने के बाद बड़े मियां ऑफिस आए। सभी लोग जाने के बाद, करीब आकर लड़की के निकाह की देरी की भयानक वजह बताई।
बड़े मियां और उनकी बीवी दोंनो रिटायर्ड गव्हर्न्मेंट सर्वंट, दो लड़के एक लड़की। दोंनो लड़के शादी होने के बाद से ही अलग रह रहें है। अब जब बच्ची की शादी होगी तो वो भी चली जायेगी हम बुढ़ा-बुढ़ी तो अकेले हो जाएंगे।
बात सुनकर दिलो-दिमाग सुन्न होगया। "तो कोई घर-दामाद देखो" -मेरी राय। " बच्चे और लड़की की मां राजी नही, उन्हें प्रॉपर्टी मे हिस्सेदार नही चाहिए"। - बड़े मियां।
ला हौला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाह, ये हम कहाँ आ गये है।
इसी तरह बहोत से घरों का मंझर दिखाई देता है, के कुँआरी लड़की कामकाज कर घर चला रही है। बाप और भाई चौराहे की रौनक बढ़ा रहे है।