...........बेवकूफ़ी
............बेवकूफ़ी
जब जुल्म करने वाला सिर्फ हमारा लिबास और नाम [ सरनेम नही ] देखकर जुल्म कर रहा है, तो हम शादी-ब्याह मे मसलक, फ़िरका, बिरादरी और सरनेम मे अलग-अलग कैसे हो जाते है।
............तजुर्बा
सिर्फ और सिर्फ जान जाने का अंदेशा हो तो ही तलाक लेने चाहिए। बाकी हर बात बातों से हल हो सकती है।
..........कड़वा सच
अनपढ़ या कम पढ़ा-लिखा लड़का नामर्द नही होता।
............सचाई
पढ़ाई-लिखाई से सिर्फ चीज़ों के नाम बदल जाते है, फितरत और सोच कभी नही बदलती।
.......... हकीक़त
सही, परफेक्ट मॅच सिर्फ और सिर्फ औरत + मर्द ही है, बाकी सब ढकोसला [ झूठी बात ] है।