ये कैसा आया जमाना


...

ये कैसा आया जमाना
         दोस्त,
     www.faiznikah.com का सर्वे बहोत चौका देने वाला आया है। आमतौर पर देखा जाए तो, एजुकेटेड और हायली- एजुकेटेड सिर्फ 15% लड़के अपनी पसंद से शादी करतें है। 85% लड़के अपने मां-बाप और / या भाई-बहन इनकी पसंद को तर्ज़ी देते है। मां-बाप और / या भाई-बहन मॅरेज ब्यूरो मे नाम दर्ज करने से लेकर लड़की पसंद करने तक सब काम यही करतें है। लड़का आखिर मे हां या ना मे जवाब देता है।
            के बरअक्स / इसके विपरीत एजुकेटेड और हायली- एजुकेटेड 90% लड़कियाँ अपना जीवनसाथी खुद पसंद करती है। और घरवालों को बताती है।
           मेरे मां-बाप और मेरे परिवारवाले है, तो वो मेरे खैरखाँ ही होगें, ये बात लड़कों के दिलो-दिमाग मे रहती है। ये बात मां-बाप भले अनपढ़ हो या पढ़े-लिखे हो इससे कोई फर्क नही पडता। ये बात सब नही मगर बहोत ज्यादा लड़कीओं मे नज़र नही आती। खासकर जिस लड़की के मां-बाप अनपढ या कम पढ़े-लिखे हो तो "इनको कुछ समझ नही आता" ये कहने से इनको ना हिचकिचाहट होती है, ना शर्म आती है।
               सारे जहां मे मै एक सयानी के भ्रम मे उम्र निकती जा रही है। बच्चों की इस हरकत से मां-बाप ऐसे फंक्शन अटेंड ही नही कर रहें जहाँ इनके बच्चों के शादी-ब्याह की बातें हो सकती है।