कुदरत का कानून
कुदरत का कानून
एक राजकुमार शिकार के दौरान अपने साथी सिपाहियों से बिछड़कर पड़ोसी राज्य मे चला गया। वहाँ के सिपाहियों ने उसे पकड़कर राजा के सामने खड़ा कर दिया। राजा को जब मालूम हुआ के ये पड़ोसी राज्य का राजकुमार है, तो राजा ने उससे माफी मांग ज़ंजीर निकाली। और सन्मान के साथ अपने नज़दीक बिठाकर सन्मानित किया। और कुछ दिन मेहमान बनने की दरख्वास्त की, राजकुमारने राजा की बात मान ली। अपने मुल्क मे खुद के खैरियत से होने का संदेश भेजकर, इस राज्य मे मेहमान बना रहा।
इसी दौरान राजकुमार को राजा की बेटी से मोहब्बत हो गई। राजकुमार राजा के पास जाकर, उसकी बेटी से शादी करने की खाँहिश जाहिर की। पहले तो राजा खुश हुआ, फिर बोला युवराज इस रिश्ते से मुझे कोई आपत्ति नही, लेकीन एक परेशानी की बात है। मेरी लड़की याने राजकुमारी का रिश्ता दुसरे पड़ोसी मुल्क के राजा के साथ बचपन मे ही तैय हुआ है। इसलिए ये शादी नही हो सकती।
राजकुमार बड़ा परेशान और गमगीन रहने लगा। राजकुमार के साथियों ने इस परेशानी से निकलने के लिए राजकुमारी को भगाने की सलाह दी। राजकुमार मान गया।
राजकुमारी की इजाज़त से दोनों ने एक दिन मुकर्रर कर, भागकर शादी करने की ठान ली। और फिर राजकुमार भागने की योजनानुसार एक तंदुरुस्त घोड़े की तलाश शुरू कर दी। जल्द ही शहर के बाहर एक घोड़े का ताजीर [ व्यापारी ] मिला।
राजकुमार उस जगह जाकर घोड़ों की जांच पड़ताल करने लगा। सभी घोड़े ठीक-ठाक थे और किमत भी मुनासिब लग रही थी। सब से हटकर एक कोने मे एक घोड़ी बांध कर रख्की थी, जो औरों के मुकाबिल काफी सेहतमंद और खुबसूरत थी। राजकुमार ने जब उसके दाम पूछे तो मालिक ने बहोत ही कम किमत बताई। एकदम कौड़ी के दाम सुनकर, राजकुमार ने मालिक से इतनी कम किमत का सबब पुछा।
मालिक का जवाब महाशय, इस घोड़ी की नानी की मां एक बार जंग के दौरान पानी मे गीर गई थी। तब से वो पानी को देखकर डरती है, और बेकाबू [ बिथर ] हो जाती थी। फिर इसकी नानी और मां मे भी दुर्गुण आ गया, और अब इसमे भी यही दुर्गुण जैसे के वैसे आ गया है। इस लिए इसकी किमत इतनी कम है।
न जाने क्या सोच कर राजकुमार वो घोड़ी खरीदकर अपनी मोहब्बत राजकुमारी को छोड़कर अपने मुल्क चला गया।
अब मै आपसे सवाल करता हूँ, क्या राजकुमार का फ़ैसला सही था या गलत ? राजकुमार ने क्या सोचकर अपना प्यार अपनी मोहब्बत- राजकुमारी को भगाकर शादी करने का फ़ैसला क्योंकर रद्द कर दिया ?
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जी हां दोस्तो राजकुमार का फ़ैसला एकदम सही था। उस पानी से डरकर बेकाबू होनेवाली घोड़ी का इतिहास को वो अपने ज़िंदगी में दोहराना नही चाहता था। राजकुमार ने सोचा मै आज इससे भागकर शादी कर लेता हूँ तो, कल मेरी बेटी / बेटा भी यही करेंगे। और यही बात सिलसिलेवार चलती रहेगी।
आज हम जानबूझकर जो गलत-सलत काम करतें है, वो पलटकर कल हमारे सामने आ ही जाता है। आज का पलभर का समाधान और मज़ा, हमारे बच्चों को वही सही लगने लगता है। और उसी को करने पर उकसाता है।
कुदरत का कानून बड़ा सिदा है।
जो बोओगे वही उगेगा
बो के पेड़ बबूल का दोस्तो
उसे आम का फल नही लगेगा