बहु या कामवाली बाई [ www.faiznikah.com के किस्से ]


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 लड़की की अम्मी- मुझे और कुछ नही, बस इतना पूछना है। शादी करते वक्त आपने हमारी लड़की को बेटी बनाकर रखने का वादा किया था। आपने बेटी, बहु बनाना तो दुर आपने हमारी बेटी को कामवाली बाई बना दिया है। सुबह से रात तक काम ही काम। लड़की की मां बड़े जोश और घुस्से मे सामने बैठे समदन से बोल रही थी। समदन सारी बातें ख़ामोशी के साथ सुन रही थी। शादी को अभी तीन-चार महीने ही हुये है। और ये हंगामा चालू हुआ। ऑफिस के अंदर का माहौल काफी गर्म हो गया था। दोनो समदी एक कोने मे आज की सामाजिक और राजनीतिक हालातों पर बाते कर रहे थे। ऑफिस के बाहर गैलेरी मे कुछ दिन पहले मियां-बीवी बने अपने ही बातों मे मशगूल थे। सभी के हाव-भाव और जिस्मानी जबान से लग रहा था के, सिर्फ लड़की के मां को छोड़कर किसीको कोई किसी बात का ऐतराज नही।  
          एक भयानक सच- 70% से ज्यादा बेटियों का घर तोड़ने मे मां एहम किरदार निभा रही है। ये इल्ज़ाम नही आज की सच्चाई है। मगर इस बात का दुसरा पहलू देखना भी जरूरी है। जब कभी कुछ अनबन होती है, तो मर्द औरत को आगे कर देंते है। ये कह कर की ये औरतों का मामला है, तुम हि निमट लो और सारी ज़िम्मेदारी मां पर आती है। और दुनिया को ये मां की करतूत लगती है। बेटियां भले ही अब्बु की प्रिंसेस, लाड़ली क्यों ना हो, मगर मां राजदार होती है। मां-बेटी का रिश्ता सुख और दुख का मिला-जुला और अतुट रिश्ता होता है। मां अपनी बेटी के ऐहसासात को, जरूरतों को, दुख दर्द को अच्छी तरह जानती समझती है। कोई भी मां जब अपनी बेटी की शादी करती है, तो अपनी बेटी तो दे देती है, लेकिन उसकी फ़िक्र को अपने पास रख लेती है। ये कुदरतन है, बेटी का बचपन से पूरा ध्यान रखा। 20/25 साल लाड-प्यार से संभाल के बाद किसी अजनबी को देना, और फिर उससे कोई वास्ता ना रखना। ऐसा मुमकिन तो नही। मगर कोई हद तो होनी चाहिए। दिन मे 4/5 बार फोन कर हर छोटी-बड़ी बात पर अपनी राय देना, बार बार मायके बुलाना, दुसरों के ससुराल से कंपेयर करना, अपनी मांजी की आपबीती सुना सुना कर मोजूदा रिश्तों मे शक़ पैदा करना। इन बातों को बहोत हद तक रोका जा सकता है।
          खैर, सभी को एक साथ हाॅल मे इकट्टा कर कहा- मैंने इन दिनों की बात सुनी। अब आप को मेरे कुछ सवालात के जवाब जिसको पूछा जाए सिर्फ वही जवाब देगा। ठीक है, सब ने हामी भर दी।
         लडके वालों से- ये बोल रहें है की आपने इनकी बेटी को कामवाली बाई बनाकर रखा है, अपनी बहू को अपने घर का काम कराने के बाद और कितने घरों में घरकाम करने के लिए भेजते हो मेरे सवाल से माहौल एकदम बदल गया। लड़के के वालिद बड़े तैश मे आये- कैसे उटपंटाग और बेतुका सवाल कर रहे हो। हमारे घर की बहु दुसरों के घरमे कामकरने भेजे इतने भी गए-गुज़रे नही है हम। इस इल्जाम से अच्छा है, मर जायें।
          लड़की की मां- नही भाई मेरा मतलब ये नही था।
           मै-तो क्या था? कामवाली का मतलब क्या होता है। आप अपने संसार के लिए अबतक जो करते आये हो,तो क्या आप कामवाली बाई बन गए। अपने परिवार के लिए किया कोई भी काम, काम नही होता, इसमे अपनेपन का ऐहसास होता है। और बच्ची अपने खुद के घर का काम ही तो कर रही है। आसपास नज़र दौड़कर देखो, बड़े सफ़र की भागदौड और दिनभर ऑफिस मे कामकाज के बावजूद बहुत सारी बहुएं सिर्फ प्यार और परिवार के लिए क्या क्या सैक्रिफाइस कर रहीं है। शुक्र मनाओ आपकी बेटी तो बड़ी नसीबवाली है।
          शुरूआती दिनों में ससुराल मे लड़की एकदम अकेलापन महसूस करने लगती है। नये चेहरे, नया माहौल, नये रिश्ते, नये रिती रिवाज। इस बीच वो सिर्फ और सिर्फ तुम्हें याने अपनी मां को ही अपना हमदर्द और ख़ैर-ख़्वाह समझती है। वो शिकायत नही करती, वो तो हालात बताती है। ताकी आप अपने तजुर्बा से उचित, सही राह दिखाओ। इस वक्त आपकी ज़िम्मेदारी बनती है, उसे सही राह दिखावे। बेटी की शादी के बाद, मां-बेटी के इस रिश्ते को एक नए सिरे से संवार ने की जरूरत होती है। आपकी सही राय से आपकी बेटी का घर आबाद रहेगा और बेटी मायके और ससुराल दोंनो जगह सबकी लाड़ली बनाकर रहेगी।