लालच और खुदगर्ज़ी


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तीन महीने पहले एक लडक़ी अपने रि श्तेदार *( रि श्तेका नाम लि खना मुनासि ब ना होगा और वैसे भी सारे
रि श्तेदार इंसान ही तो होते हैं )* के साथ अपना खुद का प्रोफाइल रजि स्ट्रेशन करवाने आयी थी।
माशाअल्लाह मल्टी नेशनल कंपनी में बड़ी अच्छी पोस्ट पर काम कर रही थी। पगार सवा लाख के करीब
था उम्र 35 साल। दि खने में ठीक ठाक।
*मां-बाप का 13 साल पहले एक्सि डेंट में इंतकाल हुआ था। शुक्र है अल्लाह सुभानु व ताला का पढ़ाई पूरी
होने को थी। घरमें छोटे भाई बहन, सबसे बड़ी यही थी, बड़ी बहन का फ़र्ज बखुबी नि भाया। अपना जाॅब के
बलबुते परा दोनों की पढ़ाई पूरी करवाकर अपने पैरों पर खड़ा कर उनकी शादी करवा दी।*
फ़ैज मॅरेज ब्यूरो के पहले बहुत सारे मॅरेज ब्यूरो में नाम दर्ज कराया था।
पांच दीन पहले लडक़ी ऑफि स आकर कहने लगी *रि श्ते तो बहोत आते हैं। फोन पर बातें सही सही होतीं भी
है। ऐसा लगता है, अब रि श्ता पक्का होगा अचानक उधर सेबि ना वज़ह इन्कार आता है।*
मैंने उनका प्रोफाइल देखा उसमें फोन करने के लि ए इन्होंने अपने रि श्तेदार का नंबर दि या था। मैंने वज़ह
पूछी तो बोलीं *मैं लडक़ी अपने ख़ुद के रि श्ते की बात कैसे करूं* बात सही थी।
मैंने दो दि न के बाद आने को कहा।
दुसरे दि न मैंने फ़ैज मॅरेज ब्यूरो के एक जि म्मेदार को सारी बातें सजाकर *उनके रि क्वायरमेंट के हि साब
से डमी रि श्ता* भि जवा कर, दि ये रि श्तेदार के फ़ोन पर बात करने के लि ए कहा। जैसे ही लडक़ी पसंद है और
हम नि काह करने के लि ए तयार हैं। कहा।
*अस्तकफि रउल्ला*
लालच और खुदगर्ज़ी का घि नोना रूप देखने मि ला। *मीठी मीठी बातें करने वाला रि श्तेदार उसका नाम ना
बताने की शर्त के साथ अचानक उस लड़की के बारे में गंदी गंदी बातें बताने लगा और बहुत सारे इलज़ाम लगा
कर कहने लगा आप भले इंसान है इस लि ए बता रहा हूं, आपको यक़ीन ना होतो मै लडक़ी के आशिकों को भी
मि ला सकता हूँ। वगैरा वगैरा। बार-बार अल्लाह, रसूल का वास्ता दे रहा था।*

फोन की रि कार्डिं ग सुनकर लडक़ी के आंखो से आँसुबहनें लगे। *मैंने इनके हर मुसीबत और ख़ुशी के मौके
पर पानी की तरह पैसा बहा दि या है। अपना परि वार समाजा। मेरे मां बाप होते तो ये सब ना होता, अब मेरा
क्या होगा ?*
मै - कोई ताजुब की बात नहीं। उनके लालच और डर ने आपका नि काह रोक रखा है *और ये तो रि श्तेदार
है हमने सगे मां बाप भाई बहनों को एसी हरकतें करते देखा है।*
अंडा देने वाली मुर्गी कौन हलाल करता है ? *आप तो सोने का अंडा देते आ रहें हो।*
इनको अल्लाह और आख़रत का कोई खौफ नहीं। बस अपनी पड़ी है। *नि काह के साथ साथ प्रॉपर्टी , बैंक
बैलेंस और मोटी पगार में हि स्सेदार ये नहीं चाहतें।* इन्हें माफ़ कर दो, *एक सबक समझकर और आगे की
जि ंदगी के बारेमें सोचो। अल्लाह की जात से कभी मायूस ना होना। इंशा अल्लाह फ़ैज मॅरेज ब्यूरो के
जि म्मेदार आपके रि श्ते के लि ए पूरी तरह से कोशि श करेंगें। अल्लाह हमारी कोशि शों को जरूर कबूल करेंगे।*